मूर्तिपूजा किसने और क्यों चलाई ? - ধর্ম্মতত্ত্ব

ধর্ম্মতত্ত্ব

ধর্ম বিষয়ে জ্ঞান, ধর্ম গ্রন্থ কি , হিন্দু মুসলমান সম্প্রদায়, ইসলাম খ্রীষ্ট মত বিষয়ে তত্ত্ব ও সনাতন ধর্ম নিয়ে আলোচনা

धर्म मानव मात्र का एक है, मानवों के धर्म अलग अलग नहीं होते-Theology

সাম্প্রতিক প্রবন্ধ

Post Top Ad

স্বাগতম

25 June, 2020

मूर्तिपूजा किसने और क्यों चलाई ?


🔥प्राप्ते कलावहह दुष्टतरे च काले न त्वां भजन्ति मनुजा ननु वञ्चितास्ते। 
धूर्तैः पुराणचतुरैहरिशंकराणां सेवापराश्च विहितास्तव निर्मितानाम्॥ [देवीभागवत ५।१९।१२] 
अर्थ – इस घोर कलयुग में पुराणों के बनानेवाले, धूर्त, चतुर लोगों ने शिव, ब्रह्मा, विष्णु आदि की पूजा अपने पेट भरने के लिए चलाई है। 
लीजिए, इस बात का भी निर्णय कर दिया कि इन देवताओं की पूजा क्यों चलाई है।
प्रस्तुति – 🌺 ‘अवत्सार’


🔥 वैचारिक क्रांति के लिए “सत्यार्थ प्रकाश” पढ़े 🔥
🌻 वेदों की ओर लौटें 🌻
॥ओ३म्॥

No comments:

Post a Comment

ধন্যবাদ

বৈশিষ্ট্যযুক্ত পোস্ট

বৈদিক রশ্মি বিজ্ঞানম্

ভূমিকা বেদ হল সংসারের সবথেকে প্রাচীন গ্রন্থ, এটা তো সর্ববিদিত, কিন্তু বেদের পরিচয় কেবল এটুকুই নয়। যে গ্রন্থ সবথেকে পুরোনো হবে, সেটাই যে সব...

Post Top Ad

ধন্যবাদ